इस तरह से होता है साइबर फ्रॉड...
मै अपनी पत्नी को लेकर बाजार जा रहा था। रास्ते में कुछ काम से वह गाड़ी से बाहर उतरी और मैं अंदर ही बैठा रहा। उसी वक्त मेरे मोबाइल
पर एक मैसेज आया। मैंने मैसेज खोलकर
देखा तो पचास हजार रुपये
किसी ने भेजे थे। मैं अचंभित हो गया! कौन इतना दरिया दिल का है भाई जो इस वक्त में मुझे पैसे भेज रहा है?
अचानक मुझे महसूस हुआ, कहीं ये
जामताड़ा वाला फ्रॉड तो नहीं?
मैने बिना समय गवाए वो पैसे
दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये। इतने में पत्नी गाड़ी मे आ गई तो मैने सारा किस्सा उसे बताया। सुनते ही वह
तुरंत बोली, बैंक जाकर मैनेजर को बताना और जिसका भी पैसा है बैंक के द्वारा वापस
कर देना।
पता नहीं किसी गरीब का पैसा गलती से हमारे अकाउंट में आ गया होगा। अभी वह कितना विचलित हो रहा होगा। मैने भी हाँ किया
और घर के लिए निकल पड़ा।
घर आकर बच्चों को बताया और
साथ ही कहा कि देखना किसके अकाउंट से पैसे आए हैं। बेटे ने तुरंत ऑनलाइन देखा तो
पता चला कोई मनीषा सिंह के अकाउंट से
पैसे आए थे जो दिल्ली में रहती हैं।
मेरा वहाँ कोई जानकर नहीं था अगले दिन बैंक जाकर बताने में ही अपना भलाई समझा।
अगले दिन बैंक जाने की
तैयारी कर ही रहा था, तभी एक फोन आया। ट्रूकॉलर में नाम आ रहा था आकाश सिंह। मैने फोन जैसे ही रिसीव किया उधर से आवाज आई, मेरा पचास हजार रुपया आपके अकाउंट में गलती से चला गया है, मैं अपनी बहन को फोनपे से पैसे भेज रहा था, आप उसे फौरन वापस कर दीजिए। मैने देखा है आपने मेरे
पैसे को अपने किसी और अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया है।
यह सुनकर मैनें तुरंत कहा, अरे भाई साहब मैं
आपका पैसा वापस करने बैंक ही जा रहा हूँ। आप अपना अकाउंट नम्बर भेज दीजिएगा तो मैं
NEFT कर दूँगा। उसने मेरा वाट्सएप नम्बर लिया और मुझे अपना अकाउंट नम्बर भेजा।
बैंक जाने पर मैने सारा वाक्या
वहाँ के मैनेजर साहब को बताया। उन्होंने तुरंत उसका भेजा हुआ अकाउंट नम्बर देखा और
सब माजरा समझ गयें मैनेजर साहब। मुझसे बोले नीरज जी आज आप अपनी होशियारी से बच गये, नहीं तो पचास के
बदले आपको लाख रुपया
देना पड़ता। ये देखिए मनीषा सिंह के अकाउंट से जो पैसा आया था उसे वह आदमी "मनीष सिंह" के अकाउंट में
मंगवा रहा है। अभी आप अगर उसके भेजे अकाउंट मे पचास हजार NEFT कर भी देते तो वह बैंक के माध्यम से मनीषा सिंह के अकाउंट में भी पचास हजार मँगवा लेता और हमें आपके अकाउंट से डेविट करके
मजबूरी में फिर से पैसा भेजना पड़ता।
मैं यह सुनकर अचम्भित रह गया! मैने पचास साल के अपने
इस जीवन में इस तरह का साइबर फ्रॉड खुद के साथ होते और बैंक मैनेजर और अपनी चतुराई
से बचते हुए भी पहली बार देखा। मैने तुरंत उस व्यक्ति को फोन लगाया, फोन
बिना रिंग के कट जा रहा था। मैने दो तीन बार ट्राई किया, फिर बैंक मैनेजर ने बैंक
के लैंडलाइन से फोन लगाया तो फोन जाने लगा और उधर से किसी ने हैलो किया मैं अब भी
सकते में था। मैं समझ गया था उसने मेरा नम्बर ब्लॉक कर दिया है। बैंक मैनेजर उससे बोला मैं बैंक मैनेजर बोल रहा हूँ , आप अपने पैसो
के क्लेम के लिए अपने बैंक मै जाकर के क्लेम कीजिए। हमलोग आपके पैसे भेज देंगे। यहाँ से कोई भी आपको दूसरे
अकाउंट में फोनपे, गूगल या
पेटियम नहीं करेगा।
उस व्यक्ति ने फौरन पुलिस की धमकी दी तो मैनेजर साहब ने कहा मैं भी
साइबर फ्रॉड का केस आपके इस नम्बर पर कर दूँगा! अगर दुबारा हमारे ग्राहक को आपने
फोन करके तंग किया तो। इस घटना के बाद मैं घर आ गया। शाम में फिर उसने नये नम्बर से फोन कर पैसे
मांगने लगा। मैने वही
दुहराया जो मैनेजर साहब ने सिखाया था। पिछले पंद्रह दिन से वह अब भी मुझे उन पैसो
के लिए तंग कर रहा है, कि
मैं उसके भेजे अकाउंट में पैसे भेज दूँ।
आज अचानक मैने मोबाइल में एक
मैसेज देखा जो मेरे बैंक से आया था। मेरे अकाउंट से पचास हजार मनीषा सिंह के अकाउंट में खुद ब खुद
ट्रांसफर हो गये थे। मैने बैंक फोन किया तो पता चला उसने बैंक में क्लेम उसी दिन
कर दिया था, जिस दिन मुझे पैसे आया था। बैंक के सिस्टम से पैसे वापस जाने में पंद्रह से बीस दिन लगते हैं। इस
बीच में वे साइबर क्राइम वाले फोन पर प्रेशर दे देकर पिड़ित व्यक्ति से और पचास
हजार भी ले लेते हैं। पता नहीं कितने हजारो लोगो के साथ ये ठगी उसने कर ली होगी।
मैने यह रचना आपसभी को इस
तरह के फ्रॉड से आगाह करने के लिए लिखी है।